गीतिका/ग़ज़ल वाई. शिव 22/08/2015 ग़ज़ल तेरे नजदीक आ रहा हुँ मैं। तुझको अपना सा पा रहा हुँ मैं। अपनी दुनियाँ उजाड कर जानम। दिल की Read More