100 मिलीग्राम सोना भी नहीं रखा
मुद्रा बैगर सोना रखे यदि बदली जाये तो तो दुर्गति जनता को और शासन भोगतना पड़ती है । 100 मिली
Read Moreमुद्रा बैगर सोना रखे यदि बदली जाये तो तो दुर्गति जनता को और शासन भोगतना पड़ती है । 100 मिली
Read Moreआज भी कतार में नगद के इन्तजार में खड़ा हूँ बीच बाजार में बैंक के अविश्वास में । नीलाम हो
Read Moreअराजकता आने में देर नहीं लगती है मदारी बंदर नचाता है बंदर कटोरा लेकर चंद पैसे जनता से मागता है
Read Moreनई मुद्रा के अभाव में गांव के किसान रामचरित्र मानस की चौपाई का सहारा ले कर असंतोष जता रहे है
Read Moreगर्मी है या सर्दी है पता नहीं चल रहा है नोटों के चलन अचलन से विचलित है सबका मन आग
Read Moreकतार में परेशानी हो रही हो मस्तिष्क काम न कर रहा हो आजादी के गीत गाओ कतार में मुद्रा महाकुम्भ
Read Moreहो चुका है तुम भी आओ बहती गंगा में स्नान कर लो सब गुप्त रहेगा सामूहिक त्यागपत्र की संख्या भी
Read Moreनोट के पीछे उन्होंने लक्ष्मीपुत्रों की नस पकड़ ली है। भूख के खातिर उसने नसबंदी करा ली है वे कहते है
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