ओमप्रकाश क्षत्रिय

शिशुगीत

शिशु गीत- आम

कच्चे आम हरेभरे है पक्के है पीलेपीले. रस भरे रसीले है लगते जैसे गीले  गीले. इस को मुनिया खाएगी रस

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