कविता स्वाति सौरभ 24/11/202029/11/2020 कलम, मानवता रूठी कलम आज कोरे कागज पर, इन्सानों की अच्छाई पर, लिखने की इच्छा हुई। कागज सहम- सा गया और कलम भी थम- Read More