गीतिका/ग़ज़ल बृजेश नीरज 01/04/201501/04/2015 बृजेश नीरज ग़ज़ल/ तके है राह ये किसकी नज़र हर शाम से पहले तके है राह ये किसकी नज़र हर शाम से पहले बचाने लाज आया कौन आखिर श्याम से पहले सितम हर Read More