क्षणिका अशोक बाबू माहौर 09/04/201909/04/2019 हास्य कविता जाओ पहले आप सुधर लो बेटा टाॅफी मत खा दाँत गल जाएंगे झड़ जाएंगे सड़ जाएंगे दर्द होगा कीड़ा लग जाएगा मुझे भी दुख होगा। Read More