गीतिका/ग़ज़ल डॉ. अपर्णा त्रिपाठी 18/09/202119/09/2021 #humanity, #luck, society किसे पता मंजिल अभी और दूर कितनी, किसे पता है मिलेंगें राह में कांटें या कलियां, किसे पता है फर्ज मुसाफिर का Read More