कविता 1
मन का घट भावना का जल
शब्द समूह हो उठा जब विकल
तब कविता गूंजी बजे कर्तल
ध्वनि चहुंओर फैली अविरल
सूरज की कविता है प्रकाश
जल की कविता केवल प्यास
वन की कविता है अंधकार
बागों की कविता है विहार
पुष्पों की कविता है सुगंध
वायु की कविता मंद मंद
ये मन कविता ये तन कविता
शब्दकोश का जीवन कविता
प्राणो में कविता कोई क्रांति
मन मंदिर में फैली नयी शांति
जन जन में हो कविता संचार
मेरे केवल इतने उदगार
_________सौरभ कुमार दुबे
very good poem, liked it.
वाह ! श्रेष्ठ कविता.