कविता 2
कविता केवल शब्दों का कुञ्ज नहीं है
क्रांति का पुंज है
भ्रान्ति का अंत है
शांति फिर अनंत है
कविता केवल शब्दों का कुञ्ज नहीं है!
ये प्राणो की भाषा है
हर मन की जिज्ञासा है
आशा है अभिलाषा है
कविता केवल शब्दों का कुञ्ज नहीं है!
शब्दों का भंडार
कुरीतियों पर वार
कविता की रीत
हो सत्य की जीत
मन से मन का नेह बने
कविता की भावना है
कविता केवल शब्दों का कुञ्ज नहीं है!
_____सौरभ कुमार दुबे
aabhar =)
मज़ा आ गिया , कविता बहुत बढिया.
उत्तम !