इतिहास

दुर्लभ चित्रों के संग्राहक : सत्य नारायण गोयल

प्रसिद्ध फोटो चित्रकार श्री सत्यनारायण गोयल का जन्म नौ जुलाई, 1930 को आगरा में हुआ था.1943 में वे संघ के स्वयंसेवक बने.1948 के प्रतिबन्ध के समय वे कक्षा 12 में पढ़ रहे थे. जेल जाने से उनकी पढ़ाई छूट गयी. अतः उन्होंने फोटो मढ़ने का कार्य प्रारम्भ कर दिया.

कला में रुचि होने के कारण उन्होंने 1956 में ‘कलाकुंज’ की स्थापना की. वे पुस्तक, पत्र-पत्रिकाओं आदि के मुखपृष्ठों के डिजाइन बनाते थे. इससे उनकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी. अब उन्होंने फोटोग्राफी भी प्रारम्भ कर दी.1963 में वे दैनिक समाचार पत्र ‘अमर उजाला’ से जुड़े और उसके संस्थापक श्री डोरीलाल जी के जीवित रहते तक वहां निःशुल्क काम करते रहे.

1975 के आपातकाल में उन्होंने अपने दो पुत्रों श्री विजय गोयल और संजय गोयल को सहर्ष सत्याग्रह कर जेल जाने की अनुमति दी. आगरा के सरस्वती शिशु मंदिर, गोशाला, अग्रसेन इंटर कॉलिज तथा अग्रोहा न्यास आदि सामाजिक कार्यों में वे सदा आगे रहते थे. आगरा के प्रसिद्ध सभागार का नाम ‘सूर सदन’ रखने के लिये उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाया.

शिवाजी आगरा के जिस किले में बन्दी रहे थे, उसके सामने शिवाजी की भव्य प्रतिमा मुख्यतः उन्हीं के प्रयास से लगी. देश में किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय वे धन संग्रह कर वहां भेजते थे. रंगमंच एवं ललित कलाओं के लिये समर्पित संस्था ‘संस्कार भारती’ के वे केन्द्रीय मंत्री रहे. उसकी मुखपत्रिका आज भी ‘कलाकुंज भारती’ के नाम से ही छप रही है.

विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वनवासी क्षेत्रों में चलाये जा रहे एकल विद्यालयों की सहायतार्थ उन्होंने आगरा में ‘वनबन्धु परिषद’ की स्थापना की. वे कई बार उद्योगपतियों को वनयात्रा पर ले गये.1984 में राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह के साथ सद्भाव यात्रा में वे सपत्नीक मॉरीशस गये. मुंबई की महिलाओं ने करगिल जैसे कठिन सीमाक्षेत्र में तैनात वीर सैनिकों का साहस बढ़ाने के लिये उन्हें वहां जाकर राखी बांधी. सत्यनारायण जी इसमें भी सहभागी हुये.

फोटो चित्रकार होने के नाते उनके पास दुर्लभ चित्रों का विशाल संग्रह था. व्दितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी अपना चित्र नहीं खिंचवाते थे. एक बार उनके आगरा प्रवास के समय वे दरवाजे के पीछे खड़े हो गये. श्री गुरुजी के कमरे में आते ही उन्होंने दरवाजे से निकल कर चित्र खींचा और बाहर चले गये. यद्यपि बाद में उन्हें डांट खानी पड़ी; पर चित्र तो उनके पास आ ही गया.

आगरा आने वाले संघ के हर प्रचारक, राजनेता, समाजसेवी और प्रसिद्ध व्यक्ति का चित्र उनके संग्रह में मिलता है. वे देश की वर्तमान दशा के बारे में उनका आकलन, उनके हस्तलेख में ही लिखवाते थे. इसका संग्रह उन्होंने ‘देश दशा दर्शन’ के नाम से छपवाया था. ऐसे पांच लोग प्रधानमंत्री भी बने. उनके पास प्रसिद्ध लोगों के जन्म व देहांत की तिथियों का भी विशाल संग्रह था.

अटल जी के प्रधानमंत्री बनने पर पुणे से प्रकाशित ‘जननायक’ नामक सचित्र स्मारिका के लिये अटल जी के 500 पुराने चित्र सत्यनारायण जी ने अपने संग्रह से दिये. मेरठ के समरसता महाशिविर (1998) और आगरा में राष्ट्र रक्षा महाशिविर (2000) के चित्र भी उन्होंने ही लिये थे. श्री गुरुजी जन्मशती पर प्रकाशित पत्रिकाओं में सभी जगह उनके लिये गये चित्र छपे.

कलाकुंज की प्रसिद्धि और काम बढ़ने पर भी उन्होंने चित्र मढ़ने वाला पुराना काम नहीं छोड़ा. 29 अक्तूबर, 2011 को उनका देहांत हुआ.

 

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]