गीत : राह तकी ना जाए…
राह तकी ना जाए
दिन दिन बीते
मन घट रीते
कान्हा तुम ना आए
राह तकी ना जाए।
देख देख अँखियां पथराई,
आए ना प्यारे किशन कन्हाई,
कबसे ना चली हैँ पुरवाई,
दे रहीँ बगिया भी हैँ दुहाई,
दुख के बादल छाए,
राह तकी ना जाए।
हृदय धधकती जलती ज्वाला,
कब हो जग मेँ प्रभु उजियारा,
टूटा मन पीडा से हारा,
बह गयी सब अँसुअन की धारा,
कौन हो मुरली सुनाए,
राह तकी ना जाए।
___सौरभ कुमार दुबे
बहुत सुन्दर गीत ! साधुवाद !