भारत ने इसराएल के खिलाफ वोट किया
भारत ने इसराएल के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए संयुक्त राष्ट्र में उसके खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। पाकिस्तान समर्थित इस प्रस्ताव में इसराएल की गाजा में सैन्य कार्रवाई की आलोचना करते हुए युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय जांच की बात कही गई है।
प्रस्ताव के समर्थन में 29 वोट पड़े जबकि 17 देश गैरहाजिर रहे। सिर्फ एक देश अमेरिका ने इसराएल के समर्थन में वोट दिया। भारत के साथ पाकिस्तान, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने भी इसराएल के विरोध में वोट डाला। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और दक्षिण कोरिया समेत कुल 17 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि फिलीस्तीनी इलाकों में अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन होना चाहिए। तुरंत युद्ध विराम का समर्थन करते हुए भारत ने कहा, ‘इसराएल और फिलीस्तीन के बीच बढ़ती हिंसा पर हम बहुत चिंतित हैं। गजा में हो रहे हवाई हमले और खासकर जमीन पर सैन्य ताकत के बेजा इस्तेमाल से नागरिकों की जानें जा रही हैं। इनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं जो बहुत चिंता की बात है।’
भारत की नई मोदी सरकार का यह रुख पिछली सरकारों के अनुरूप ही है। हालांकि, संसद में इस मुद्दे पर बहस के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इसराएल और फिलीस्तीन दोनों भारत के दोस्त हैं इसलिए भारत किसी एक का साथ नहीं दे सकता।
मार-काट किसी भी कारण से हो गलत होती है.
तो हमास के हमले जाएज़ हैं ? अगर भारत का रुख ऐसा है तो कश्मीर की तरफ से होते हमले भी जाएज़ हैं .
जी, आपसे सहमत हु, देखते है ये सफ़र कहा रुकता है, मार काट और क़त्ल का.