कविता

मेरे हायकु संग्रह से…

1. वह तितली

बैठी गुलाब पर

मैं मंत्रमुग्ध

2. ये प्रेमगीत

ज्यों मधुर संगीत

मन प्रसन्न

3. वह छुअन

दिल हुआ तुम्हारा

मैं प्रेममय

4. बन पथिक

जीवन मृगतृष्णा

भटके मन

5. यह दुनिया

है हाट लुभावना

तरसता मैं

6. ये जिन्दगी है

अजब सी पहेली

क्यों सुलझे ना

7. प्रात:काल में

चमकें बन मोती

बूंदें ओस की

8. शीतल हवा

वो नदिया किनारा

चित प्रसन्न

9. संग हो तेरा

पाऊँ हरेक खुशी

है बस ख्वाब

10.है मनोभाव

तुम जीवन मेरा

कहता दिल

सुधीर मलिक

भाषा अध्यापक, शिक्षा विभाग हरियाणा... निवास स्थान :- सोनीपत ( हरियाणा ) लेखन विधा - हायकु, मुक्तक, कविता, गीतिका, गज़ल, गीत आदि... समय-समय पर साहित्यिक पत्रिकाओं जैसे - शिक्षा सारथी, समाज कल्याण पत्रिका, युवा सुघोष, आगमन- एक खूबसूरत शुरूआत, ट्रू मीडिया,जय विजय इत्यादि में रचनायें प्रकाशित...

10 thoughts on “मेरे हायकु संग्रह से…

  • शान्ति पुरोहित

    हाइकु अच्छे लगे.

    • सुधीर मलिक

      Shanti Purohit ji thanks a lot for liking

  • गुंजन अग्रवाल

    बन पथिक

    जीवन मृगतृष्णा

    भटके मन……..bahut sundar haiku

    sabhi haiku behtreen hai ……badhaayi

    • सुधीर मलिक

      Thanks for liking my post Gunjan Ji

  • प्रवीण मलिक

    मनभावन हाइकू … बधाई

    • सुधीर मलिक

      हृदय की गहराईयों से धन्यवाद आपका प्रवीण मलिक जी

  • विजय कुमार सिंघल

    नपे तुले शब्दों में बेहतर कथ्य।

    • सुधीर मलिक

      आदरणीय सिंघल साहब हार्दिक आभार

    • सुधीर मलिक

      सौरभ कुमार दुबे जी सादर धन्यवाद

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