मेरे हायकु संग्रह से…
1. वह तितली
बैठी गुलाब पर
मैं मंत्रमुग्ध
2. ये प्रेमगीत
ज्यों मधुर संगीत
मन प्रसन्न
3. वह छुअन
दिल हुआ तुम्हारा
मैं प्रेममय
4. बन पथिक
जीवन मृगतृष्णा
भटके मन
5. यह दुनिया
है हाट लुभावना
तरसता मैं
6. ये जिन्दगी है
अजब सी पहेली
क्यों सुलझे ना
7. प्रात:काल में
चमकें बन मोती
बूंदें ओस की
8. शीतल हवा
वो नदिया किनारा
चित प्रसन्न
9. संग हो तेरा
पाऊँ हरेक खुशी
है बस ख्वाब
10.है मनोभाव
तुम जीवन मेरा
कहता दिल
हाइकु अच्छे लगे.
Shanti Purohit ji thanks a lot for liking
बन पथिक
जीवन मृगतृष्णा
भटके मन……..bahut sundar haiku
sabhi haiku behtreen hai ……badhaayi
Thanks for liking my post Gunjan Ji
मनभावन हाइकू … बधाई
हृदय की गहराईयों से धन्यवाद आपका प्रवीण मलिक जी
नपे तुले शब्दों में बेहतर कथ्य।
आदरणीय सिंघल साहब हार्दिक आभार
अतिसुन्दर जी “यह दुनिया
है हाट लुभावना
” वाह
सौरभ कुमार दुबे जी सादर धन्यवाद