कविता

हाइकु – मुक्तक

 

जपानी विधा में लिखी गई
17 अक्षर और 3 पंक्तियों की
व्यापक अर्थ लिए कविता को ही
हम चार पंक्तियों में एक भाव पर
चार हाइकु लिखें तो बनेगा
हाइकु – मुक्तक

एक हाइकु-मुक्तक में
चार पंक्ति के मुक्तक के
एक पंक्ति में फिर तीन पंक्ति है
यानि
हमें 12 पंक्ति का ख्याल रखना है

जैसे

पहला प्रयास
समीक्षा हेतु

सूखे ना स्वेद / अपहृत बरखा / रोता भदई
देख भू चौंकी / खाली बूँदें-बुगची / नभ मुदई
व्याकुल कंठ / भरे नयन सरि / चिंता में दीन
भादो है छली / घाऊघप बादल / द्वि निरदई
==
अपहृत = अपहरण हो गया
घाऊघप = गुप्त रूप से किसी का धन हरण करने वाला

 

*विभा रानी श्रीवास्तव

"शिव का शिवत्व विष को धारण करने में है" शिव हूँ या नहीं हूँ लेकिन माँ हूँ

One thought on “हाइकु – मुक्तक

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी विधा है, लेकिन यदि हम हाइकु के नियमों और बंधनों में फंसे बिना सीधे मुक्तक लिखें तो क्या समस्या है?

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