सफलता का आधार परिश्रम
(इस बार अपने छोटे भाई अरविन्द की लेखनी से निकली एक कविता प्रस्तुत है.)
सफलता का आधार परिश्रम
परिश्रम और सिर्फ परिश्रम ही हे–
हर सफलता का आधार ,
शार्टकट ले जाये तंग टेड़े -मेढे राहों पर ,
न आगे को रास्ता न पीछे मुड़ने का असर,
बस सच्चाई का रास्ता बनाये तुझे निडर ,
करे हर मुश्किल से मुश्किल बला सरलता से सर ,
झूठ के रास्ते से कभी न हो कोई मंजिल पार,
रहे हमेशा भटकने और कदम डगमगाने का डर ,
योग और तपस्या ही है सफल जीवन का आधार ,
नियमों का पालन भगाए बिमारियों का डर —
जीवन ऐसे आगे भागे, जैसे सरिता की तेज धार
मानसिक प्रबलता करे हर कठिन परिस्तिथि को पार,
हिम्मत न हार, कर प्रयास , प्रयास और सिर्फ प्रयास
सफलता की राह पर ले जायेगा तुझे क्षितिज के पार
—- अरविन्द कुमार
अच्छी कविता. परिश्रम सफलता की कुंजी है. परिश्रम के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.