विज्ञापन–कितने सच ?
विज्ञापन किसी भी वस्तु विशेष, उत्पाद, या सेवा आदि को जन जन तक प्रचारित करने का एक बहुत ही सशक्त
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Read Moreगंगा सी पवित्र सरिता बनकर, सदा अपनों के दिल में बहना, रिश्ता जो भी मन से मानो , सदा उसी
Read Moreभेज रहे हैं पीले चावल , घर घर अलख जगाने को।मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को।यह
Read Moreदे दी हमें समृद्धि बिन अन्याय बिना बवालभारत माँ के लाल तुमने कर दिया कमाल जब जब तुम्हें सत्ता मिली,सब
Read Moreवो आस्तिक या नास्तिक ही सही , पर पूरा तो ईमान रखता है … इंसानियत के नाते , इंसान की
Read Moreइतनी लम्बी उम्र मिली है , पर जीने का वक़्त नहीं, रिश्तों की भरमार है पर रिश्तों का अस्तित्व नहीं
Read Moreकिसने किसका साथ निभाया, मछली ही जाल में आई, पानी कभी नहीं आया रात भर दिल जला कर शमा रोशनी
Read Moreमहिला है तो क्या हुआ, हम अबला नहीं है, हम कोई बेजुबान भी नहीं , हम भी पुरुष से कन्धा
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