कविता
सोने की चिड़िया वाला भारत आप भी देंखे,
हम भी देंखे सबको कैसा लगता है ,
सोने की चिडिया वाला भारत क्या अब भी वैसा लगता है?
वो भारत जिसमे भगवानो ने लिया था स्थान ,
ऋषि ,मुनि, योगियों ने किया था जिसको महान,
वो भारत जिसमे कितने वीर अवतरित हुए,
देश की खातिर न जाने कितने शहीद हुए,
भगवान ,ऋषि, मुनि – वीरो का भारत क्या अब भी वैसा लगता है ?
आप भी देखें हम भी देखें सबको कैसा लगता है , सोने की चिड़िया वाला…
वो भारत जिसमे प्रक्रति की छटा निराली ,
गर्मी, सर्दी , बरसात करती जिसको मतवाली ,
वो भारत जिसमे गंगा ,यमुना ,सरस्वती का होता अदभुद संगम ,
माता – पिता गुरु जहाँ पूजे जाते हो प्रथम,
आदर्शों ,संस्कारो का वो भारत क्या अब भी वैसा लगता है,
आप भीं देखें हम भी देखें सब को कैसा लगता है , सोने की चिड़िया …………|
मेरे भारत में देखों समय का कैसा परिवर्तन हुआ ,
भारत स्वदेश नहीं विदेश हुआ ,
नैतिकता का यहाँ पतन हुआ ,
आदर्श संस्कारों का दफन हुआ,
अखंड भारत का रूप यहाँ बदला ,
जातियों ने स्वरूप को बदला ,
घोटाले भ्रष्टाचार ,आंतकवाद वाला भारत क्या अब भी वैसा लगता है?
आप भी देखें हम भी देखें सबको कैसा लगता है , सोने की चिड़िया वाला भारत क्या ………….
अब हम सोचने को है मजबूर ,
कैसे हो गए हम इतने क्रूर ,
अपने स्वार्थों की खातिर हमने क्या नहीं कर डाला ,
जिनके पीछे थी कल तक पुलिस उनके गले में डाल दी माला ,
सुरक्षा कर्मियों से जहाँ लगता हों अपनों को डर ,
हर सोच जहाँ हो गयी हो पेशेवर ,
धन का जहाँ हों प्रथम स्थान ,
धनवान ही समझा जाता हो महान ,
अंधी दौड़ में भागतों का भारत क्या अब भी वैसा लगता हैं? आप भी देखें हम भी देखें सबको कैसा लगता है , सोने की चिड़िया ………………
अब हमको ही करना होगा परिवर्तन ,
नहीं तो लुट जायेगा मेरा वतन ,
वतन की खातिर आगे आना होगा ,
कथनी करनी के अंतर को मिटाना होगा ,
अध्यातम और योग को हर सोच में लाना होगा ,
ऐसी सोच के लोग जब सत्ता और शाषण पर होंगे विराजमान ,
तब ही होगी अब मंजिल आसान ,
फिर हम देखेंगे हाँ मेरा भारत फिर वैसा ही लगता है ,
सोने की चिड़िया वाला भारत सोने जैसा ही लगता है ||
बहुत अच्छी कविता
बहुत अच्छी कविता. सोने की चिड़िया वाला भारत बनकर रहेगा यदि हम भारतीय संस्कारों पर चलें.