कविता

“बदले में “

“बदले में “

जितना किसी को चाहोगे
बदले में
उतना ही दुख पाओगे

मिलन की कोमल पंखुरियाँ
झर जाती हैं
आख़िर बचे हुऐ
विरह के नुकीले काँटों में ही तो
खुद को उलझाओगे

चूर् चूर हो जाता हैं
सुकुमार हृदय
शीशे सा ही तो फुटोगे
सपनो के परों को कुतर देती है
बेरहम दुनियाँ
रंग बिरंगे अरमानों की तितली हो कर भी
कितनी दूर तक उड़ोगे

दो इंच के फ़ासले पर ही
मंज़िल ओझल हो जाती हैं
इस जन्म से आगामी जन्मो तक
प्रेम के उसी पथ पर कितनी बार चलोगे

थोड़ी सी उपेक्षा से धराशायी हो ज़ाता है
रिश्तो का खूबसूरत महल
दर्द को सीने मे छुपाए और कितना मुस्कुराओगे

आज ज्न्म हुआ कल मरना है
जो पाया है उसे एक दिन खोवोगे

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on ““बदले में “

Comments are closed.