कविता

हम सभी

घड़ी ,,डायरी ,कुर्सी ,मेज

मैं …..!

कम्प्यूटर और पेन

हम सभी एक साथ

तुम्हारा इंतज़ार करते हैं

जब तक तुम आती नहीं हो

हम सब मिलकर

तुम्हारी तस्वीर देखते हैं

मन में आये भावों कों

पन्ने पर उतारते हैं

जैसे ही तुम आती हों

चाय ..कप में भरी हुई

रह जाती हैं और पानी ..

गिलास में रह जाता हैं

तुम्हें आते ही जाने की

जल्दी रहती हैं

तुम तो यहाँ तक कहती हो की

“मेरा इंतज़ार मत किया करों “

लेकिन हम सभी अपनी अपनी

आदत से मजबूर हैं

तुम्हारी तरह

यह घड़ी ,यह कुर्सी ,यह मेज ,

यह डायरी ,यह कम्पूटर ,यह पेन

सभी मेरे सच्चे और प्रिय मित्र हैं

जब कभी तुम मुझे

भविष्य में अकेला छोड़ जाओगी

तब मैं

इन्ही के सहारे तो ..जिऊँगा

डायरी के पन्नों पर

तुम पर लिखी हुई उन कविताओं कों पढ़ते हुए

कम्प्यूटर में रखी हुई

तुम्हारी तस्वीरों कों निहारते हुए

तुम मुझे याद करोगी या नहीं

पर तुम्हें याद करते हुए …./

ऐसे भी मुझे

न तुम्हारा नाम मालूम हैं

न पता ….

 

किशोर

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.