कविता

दीपोत्सव की शुभकामनाएँ

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दीवाली के इस मंगल अवसर पर
आप सभी की मनोकामना पूर्ण हो
खुशियाँ आपके कदम चूमे
इसी मंगल कामना के साथ
दीवाली की बधाई एवम शुभकामनाएँ
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पर्व है ख़ुशी और उल्लास का
अँधेरे की कालिमा से युध्द का

आशीष की मंगल छाँव दीप को दीजिये
प्रार्थना हो पूर्ण सदा कामना यह लीजिये

ऐसे ही तिमिर का विनाश हो
जीत सर्वदा ख़ुशी उज्जास का हो

आलोकित हो झिलमिल रोशन से धरा यही शुभकामना
उमंग आनंद सुख समृधि कृपा लक्ष्मी सर्व मंगल भावना ।

………गुंजन अग्रवाल

गुंजन अग्रवाल

नाम- गुंजन अग्रवाल साहित्यिक नाम - "अनहद" शिक्षा- बीएससी, एम.ए.(हिंदी) सचिव - महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई संपादक - 'कालसाक्षी ' वेबपत्र पोर्टल विशेष - विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व साझा संकलनों में रचनाएं प्रकाशित ------ विस्तृत हूँ मैं नभ के जैसी, नभ को छूना पर बाकी है। काव्यसाधना की मैं प्यासी, काव्य कलम मेरी साकी है। मैं उड़ेल दूँ भाव सभी अरु, काव्य पियाला छलका जाऊँ। पीते पीते होश न खोना, सत्य अगर मैं दिखला पाऊँ। छ्न्द बहर अरकान सभी ये, रखती हूँ अपने तरकश में। किन्तु नही मैं रह पाती हूँ, सृजन करे कुछ अपने वश में। शब्द साधना कर लेखन में, बात हृदय की कह जाती हूँ। काव्य सहोदर काव्य मित्र है, अतः कवित्त दोहराती हूँ। ...... *अनहद गुंजन*