कविता

कविता : स्वच्छता अभियान

साफ़ सफाई जीवन का, बना रहे अभियान,

लक्ष्मी भी विराजें वहीँ, जहां स्वच्छ मुकाम।

बिमारियाँ आती नहीं, उस बस्ती की ओर,

मानव जहां कर रहे, स्वच्छता पर अभिमान।

 

डॉ अ कीर्तिवर्धन

2 thoughts on “कविता : स्वच्छता अभियान

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब ! कम शब्दों में गहरी बात !

  • Radha Shrotriya

    “साफ़ सफाई जीवन का, बना रहे अभियान,

    लक्ष्मी भी विराजें वहीँ, जहां स्वच्छ मुकाम।

    बिमारियाँ आती नहीं, उस बस्ती की ओर,

    मानव जहां कर रहे, स्वच्छता पर अभिमान।”
    in 4 panktyo m aapne bahut he achche s safai ke mahtv ko btaya h..sath he humari dharmik manytao ka mahtv bhi

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