जम्मू-कश्मीर में भी खिलेगा कमल !
इस माह जिन दो राज्यों में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें झारखंड में तो भाजपा सरकार आना लगभग तय है और जैसे समाचार मिल रहे हैं उनसे यह नज़र आ रहा है कि इस बार जम्मू-कश्मीर में भी कमल बहुमत के साथ खिलने वाला है.
सबसे महत्वपूर्ण समाचार यह है कि कश्मीर के भूतपूर्व महाराजा हरी सिंह जी के पोते और वरिष्ठ राजनेता कर्ण सिंह के सुपुत्र अजातशत्रु सिंह नेशनल कांफ्रेंस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं और जम्मू क्षेत्र में भाजपा को सभी सीटें जिताने के संकल्प के साथ कार्य में जुट गए हैं.
दूसरा महत्वपूर्ण समाचार यह है कि भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता चमन लाल गुप्ता का निष्काशन रद्द कर दिया है और उनको पार्टी के लिए सक्रिय होने के लिए तैयार कर लिया है. भाजपा की संभावनाएं मजबूत करने के लिए ऐसे प्रभावशाली लोगों को साथ लाना आवश्यक है. जम्मू क्षेत्र में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस की हालत पूरे देश कि तरह ही पतली है. इसलिए कोई आश्चर्य न होगा यदि इस बार जम्मू क्षेत्र की सारी सीटें भाजपा की झोली में चली जाएँ.
लेकिन तीसरा और शायद सबसे महत्वपूर्ण समाचार यह है कि भाजपा ने पूरे जम्मू-कश्मीर राज्य की हर सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके लिए उसने ऐसे कई छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है, जिनका घाटी में अच्छा प्रभाव है. भाजपा ने उनके लिए २५ सीटें छोड़ी हैं. इतना ही नहीं भाजपा ने अपनी पार्टी की टिकट पर भी लगभग १५ मुसलमान उम्मीदवार खड़े किये हैं. इससे कश्मीर घाटी में भी भाजपा के पक्ष में लहर बनेगी और अलगाववादियों के हौसले पस्त होंगे. ये अलगाववादी तत्व अभी तक स्वयं को घाटी के मुसलमानों का एकमात्र प्रवक्ता मानते रहे हैं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है और उनको अपनी औकात पता चल जाएगी.
कुल मिलाकर लगता है कि इस बार जम्मू-कश्मीर राज्य में भी भाजपा अपने सहयोगियों के साथ बहुमत ले जाएगी और अजातशत्रु सिंह के नेतृत्व में राज्य की सरकार बनेगी. अगर ऐसा होता है तो देश का बहुत सौभाग्य होगा और कश्मीरी-इस्लामी आतंकवाद अपनी मौत मर जायेगा.
जय श्री राम ! नमो नमो !!
यह अच्छी बात है , कि भाजपा ने मुस्लिम कैंडिडेट खड़े किये हैं , इस से अलग्वादिओन की कमर टूट जायेगी . यूतिऊब पर मैं एक आज़ाद कश्मीर के टीवी चैनल पर डिस्कशन सुन रहा था जिस से ज़ाहिर होता है कि आज़ाद कश्मीर के लोग पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनना चाहते लेकिन वोह मजबूर हैं. वहां कोई पकिस्तान के खिलाफ बोल नहीं सकता . मेरा अपना खियाल है कि अगर पकिस्तान अपनी फौजें वहां से हटा लें तो कश्मीर का फैसला बहुत आसानी से हो सकता है .
आपका कहना सत्य है, भाई साहब ! कुछ मुस्लिम नेता जो कश्मीर घूमकर आये हैं उन्होंने भी यही बात कही है कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कशिर के लोग भारत के साथ रहना चाहते हैं. अगर कश्मीर में भाजपा की सरकार बन जाती है तो यह निश्चित है कि कश्मीर की समस्या का स्थायी समाधान हो जायेगा.