कवितायेँ – मुक्तक
मनीष मिश्रा “मणि ”
समय यादों में गुजारा कुछ और
सागर में बहती धारा कुछ और
सुख भी जिया दुख भी काटा
दिया जीवन नें इशारा कुछ और
मनीष मिश्रा “मणि ”
समय यादों में गुजारा कुछ और
सागर में बहती धारा कुछ और
सुख भी जिया दुख भी काटा
दिया जीवन नें इशारा कुछ और
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अच्छा मुक्तक !
मनीष भाई , ग्लास में समुन्दर डाल दिया , बहुत अछे .