कविता

होता है

 

प्यार का बदला मिले सम्मान कम से कम हक़ तो होता है
मृत सम्वेदनाओं वाले पले आस्तीन में सांप शक तो होता है
अदब-तहज़ीब को भूल कर खुद को ख़ुदा से ऊपर समझे
हाय से ना डरने वाला जेब से नही दिल से रंक तो होता है

*विभा रानी श्रीवास्तव

"शिव का शिवत्व विष को धारण करने में है" शिव हूँ या नहीं हूँ लेकिन माँ हूँ

4 thoughts on “होता है

  • विजय कुमार सिंघल

    मुक्तक अच्छा है, विभा जी. लेकिन दूसरी पंक्ति को कुछ स्पष्ट करने की आवश्यकता है.

    • विभा रानी श्रीवास्तव

      शुभ संध्या
      मृत सम्वेदनाओं वाले पले आस्तीन में सांप शक तो होता है
      ये हो तो ?
      बहुत बहुत धन्यवाद आपका

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अछे विचार हैं .

    • विभा रानी श्रीवास्तव

      आभारी हूँ …. आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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