हाइकू – दोस्त, मित्र, सखा
यौवन काल
तरुण या तरुणी
परम मित्र
छोड़े मित्र
बिखरता जीवन
गहरा घाव
मिलते मित्र
दिल की बाते सब
साझा करते
मित्र अमूल्य
जुड़े दिल से दिल
स्वार्थ से परे
हंसाता मित्र
रुलाता कभी कभी
जीवन भर
सिखाये गुण
दूर हो अवगुण
निखारे मित्र
कृष्ण सुदामा
मित्रता का पर्याय
बने आदर्श
दिल का रिश्ता
अटूट है बंधन
निभाते मित्र
राह दिखता
चलता साथ साथ
ख़ुशी मित्र से
ख़ुशी या पीड़ा
साथ रहता दोस्त
सच्चा बंधन
अच्छे हाइकु !