कविता

वो हिन्दू थे

उन्होंने विपत्ति को
आभूषण की तरह
धारण किया
उनके ही घरों में आये
लोगों ने
उन्हें काफ़िर कहा
क्योंकि
वो हिन्दू थे।

उन्होंने
यूनान से आये घोड़ो का
अभिमान
चूर – चूर
कर दिया
सभ्यता ने
जिनकी वजह से
संसार में जन्म लिया
वो हिन्दू थे।

जिन्होंने
तराइन के मैदान में
हंस – हंस के
हारे हुए
दुश्मनों को
जीवन दिया
वो हिन्दू थे।

जिनके मंदिर
आये हुए लुटेरो ने
तोड़ दिए
जिनकी फूल जैसी
कुमारियों को
जबरन अगुआ करके
हरम में रखा गया
जिन पर
उनके ही घर में
उनकी ही भगवान्
की पूजा पर
जजिया लगया गया
वो हिन्दू थे।

हा वो
हिन्दू थे
जो हल्दी घाटी में
देश की आन
के लिए
अपना रक्त
बहाते रहे
जिनके बच्चे
घास की रोटी
खा कर
खुश रहे
क्योंकि
वो हिन्दू थे।

हाँ वो हिन्दू हैं
इसलिए
उनकी लडकियों की
अस्मत का
कोई मोल नहीं
आज भी
वो अपनी ज़मीन
पर ही रहते हैं
पर अब
उस ज़मीन का
नाम पकिस्तान है।

अब उनकी
मातृभूमि का नाम
पाकिस्तान है
इसलिए
अब उन्हें वहाँ
इन्साफ
मांगने का हक नहीं
अब उनकी
आवाज़
सुनी नहीं जाती
‘दबा दी जाती है’
आज उनकी लड़कियां
इस डर में
जीती हैं
अपहरण होने की
अगली बारी उनकी है।

क्योंकि उन मासूमो
में से
रोज़
कोई न कोई
रिंकल से फरयाल
जबरन
बना दी जाती हैं
इसलिए

जिनकी बेटियां हैं
वो हिन्दू है
और उनके
पुर्वज
हिन्दू थे।

( लोकसत्य, प्रवक्ता, कलम से, हिंदी काव्य संकलन और रचनाकार आदि में प्रकाशित)

सुधीर मौर्य ‘सुधीर’
गंज जलालाबाद, उन्नाव
209869

सुधीर मौर्य

नाम - सुधीर मौर्य जन्म - ०१/११/१९७९, कानपुर माता - श्रीमती शकुंतला मौर्य पिता - स्व. श्री राम सेवक मौर्य पत्नी - श्रीमती शीलू मौर्य शिक्षा ------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा. सम्प्रति------इंजिनियर, और स्वतंत्र लेखन. कृतियाँ------- 1) एक गली कानपुर की (उपन्यास) 2) अमलतास के फूल (उपन्यास) 3) संकटा प्रसाद के किस्से (व्यंग्य उपन्यास) 4) देवलदेवी (ऐतहासिक उपन्यास) 5) मन्नत का तारा (उपन्यास) 6) माई लास्ट अफ़ेयर (उपन्यास) 7) वर्जित (उपन्यास) 8) अरीबा (उपन्यास) 9) स्वीट सिकस्टीन (उपन्यास) 10) पहला शूद्र (पौराणिक उपन्यास) 11) बलि का राज आये (पौराणिक उपन्यास) 12) रावण वध के बाद (पौराणिक उपन्यास) 13) मणिकपाला महासम्मत (आदिकालीन उपन्यास) 14) हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास ) 15) अधूरे पंख (कहानी संग्रह) 16) कर्ज और अन्य कहानियां (कहानी संग्रह) 17) ऐंजल जिया (कहानी संग्रह) 18) एक बेबाक लडकी (कहानी संग्रह) 19) हो न हो (काव्य संग्रह) 20) पाकिस्तान ट्रबुल्ड माईनरटीज (लेखिका - वींगस, सम्पादन - सुधीर मौर्य) पत्र-पत्रिकायों में प्रकाशन - खुबसूरत अंदाज़, अभिनव प्रयास, सोच विचार, युग्वंशिका, कादम्बनी, बुद्ध्भूमि, अविराम,लोकसत्य, गांडीव, उत्कर्ष मेल, अविराम, जनहित इंडिया, शिवम्, अखिल विश्व पत्रिका, रुबरु दुनिया, विश्वगाथा, सत्य दर्शन, डिफेंडर, झेलम एक्सप्रेस, जय विजय, परिंदे, मृग मरीचिका, प्राची, मुक्ता, शोध दिशा, गृहशोभा आदि में. पुरस्कार - कहानी 'एक बेबाक लड़की की कहानी' के लिए प्रतिलिपि २०१६ कथा उत्सव सम्मान। संपर्क----------------ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव, पिन-२०९८६९, उत्तर प्रदेश ईमेल [email protected] blog --------------http://sudheer-maurya.blogspot.com 09619483963

2 thoughts on “वो हिन्दू थे

  • Man Mohan Kumar Arya

    विचारणीय एवं प्रसंशनीय। हमारी दुर्दशा का कारण सत्य की अवहेलना, अज्ञान, अति दयालुता, यथायोग्य व्यव्हार को भूलकर दुष्टो के प्रति भी दया प्रदर्शित करना, मूर्ती पूजा, फलित ज्योतिष, सामाजिक असमानता, छुवाछूत आदि अनेक कमजोरियां रही है। सत्यार्थ प्रकाश ने हमें स्वयं को पहचानने की शक्ति दी है और हमें अपनी कमजोरियों को दूर करने के साथ सत्य का ज्ञान कराया है और उस पर चलने की प्रेरणा दी है। सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर हमें पता चला है कि संसार में पूर्ण सत्य केवल एक ग्रन्थ है और वह ईश्वरीय ज्ञान वेद है। मनुष्य अल्पज्ञ है और उसकी बनाई हुई कोई भी चीज पूर्ण निर्दोष कदापि नहीं हो सकती है चाहे वह धर्म ग्रन्थ ही क्यों न हों।

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

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