बिटिया के जन्म दिन को समर्पित एक कविता
आज मेरी बिटिया दीक्षा का जन्म दिन है–एक माँ उसे दुआओ के अलावा क्या दे सकती है .. एक छोटी -सी कविता ..उसको समर्पित है.
नव जीवन, नया अहसास
खिली जो नव कोपल
खिलखिलाया आँचल
दर्द का अहसास, वो सुई की चुभन, वो ज़ख्म
पल में हुए काफूर मिला जो नर्म
नाज़ुक कोमल पहला तेरा स्पर्श
आसमान से उतरा परियों का रूप
कडकती ठण्ड में गुलाबी धूप
चिड़ियों की चहचाहट
चन्दन की सुगंध, तितली के रंग
तपती रेत पर शीतल फुहार
सूने आँगन में पायल की झंकार
भाई के ललाट का चमकता चन्दन
पिता का मान अभिमान, मेरी पहचान
जन्मदिन है आज तेरा, दूँ क्या तुझे में उपहार
मेरा ही अंश है तू ! मेरा सब कुछ है तेरा
राहों में तेरी काँटा भी महके बन फ़ूल
तेरे सपने, अरमानों को मिले नया आसमान
जीवन में तेरे सुख समृद्धि , सर पर हो तेरे सदा ईश्वर का हाथ
जीवन में बनाये तू नित नए आयाम
दिल में सर्वदा सुख शांति का वास रहे
तेरे लिए दुआ है बस यही हर चाहत हो सदा तेरी पूरी !!
गुंजन अग्रवाल
aabhar aa vijay bhaiya ji
bahut bahut thnx aa Manmohan ji
aabhar dil se dhnywad aa gurmel ji
बहुत अच्छी कविता. बिटिया को आशीर्वाद !
संतान के प्रति माँ की ममता, प्रेम, त्याग एवं समर्पण का उदाहरण है यह कविता। जन्म दिवस की शुभकामनायें।
दीक्षा के जनम दिन की बहुत बहुत मुबारक हो , आप का नाम रौशन करें यही शुभ इच्छाएं देने के काबल हूँ .