कविता

गीत — माँ शक्ति है

गीत
माँ शक्ति है
माँ भक्ति है
माँ ही मेरा अराध्य
माँ सा नहीं है दूजा जग में
माँ से ही संसार

माँ धर्म है
माँ कर्म है
माँ ही है सतसंग
माँ सा नहीं है दूजा मन में
माँ , जीवन का आधार

माँ भारती है
माँ सारथी है
माँ ही मार्गदर्शक
माँ सा नहीं है दूजा पथ में
माँ ही गीता का सार

माँ सखा है
माँ ही सहेली
माँ ही प्रथम गुरु
माँ सा नहीं दूजा हिय में
माँ ममता का आकार

माँ निश्छल है
माँ संबल है
माँ ही रिश्तो की पूंजी
माँ सा नहीं दूजा घर में
माँ  से ही संस्कार।

माँ भगवती
माँ अन्नपूर्णा
माँ ही दुर्गा का रूप
माँ सा नहीं है दूजा भू पर
माँ से  साक्षात्कार
— शशि पुरवार

3 thoughts on “गीत — माँ शक्ति है

  • मुकेश सिन्हा

    सुंदर भाव

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा गीत ! माँ से बड़ा संसार में कोई नहीं हो सकता.

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