तुम मिले….
तुम मिले जिंदगी संवर गई
गुनगुनी धूप और भी निखर गई
बहुत दिनो बाद मन मे खिली पंखुड़ियां मोगरे की
यूं लगा सारी जड़ता जीवन की सिफर गई !!
***भावना सिन्हा***
तुम मिले जिंदगी संवर गई
गुनगुनी धूप और भी निखर गई
बहुत दिनो बाद मन मे खिली पंखुड़ियां मोगरे की
यूं लगा सारी जड़ता जीवन की सिफर गई !!
***भावना सिन्हा***
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कविता अच्छी लगी .
nice poem
छोटी, पर अच्छी कविता.