बालगीत – ‘अगर पंख अपने होते तो’
अगर पंख अपने होते तो,
नभ मे ऊँचे तक उड़ जाते
वायुयान से उड़कर जाने,
के सारे झंझट बच जाते|
पासपोर्ट न वीजा लेते,
सारी दुनिया घूम के आते ,
पूरी धरती अपनी होती ,
जहां चाहते नीड़ बनाते |
खाने की चिन्ता न होती ,
रेस्टोरेन्ट पेड़ बन जाते ,
बिना मोल के ताजे – ताजे ,
सुन्दर मीठे फल मिल जाते |
एकदम अलग अनोखे लगते ,
तितली जैसे पंख सजाते ,
परियों के जैसे हम दिखते ,
मनुष्य लोक की कथा सुनाते |
बहुत अच्छी बाल कविता
sundar kavita
बहुत अच्छी कविता.
अच्छा बाल गीत !
बहुत अच्छी लगी यह कविता .