कविता : सपने
सपने जो अच्छे सुनहले हो उन्हें दिल से लगा लीजिये
बुरे स्वप्न को एक स्वपन ही समझ भुला दीजिये
जिनका ख्याल आये उन्हें अपने दिल में बसा लीजिये
सवाल जो भी हो उन्हें जल्द से जल्द सुलझा लीजिये
ख्याल जो गुदगुदा जाये तो दिल खोल ठहाके लगा लीजिये
समय कही रेत मुठ्ठी में सा फिसल ना जाये
समय पर ही सब कार्य निपटा लीजिये
…………..सविता मिश्रा
umda
बढ़िया !
चन्द लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया , अच्छा लगा .