क्षणिका
बहुत औरतों की कहानी हो सकती है न ?
पति की पूरी जिन्दगी गुजरी
सासु जी को खुश रखने में
जब तक सासु जी जिन्दा थीं
चैन का एक पल नहीं ले सकी
अब पुत्र प्रयासरत है
अपनी पत्नी को
हर पल खुश रखने में
पुष्पा लम्बी साँस ले
हर साल जीती है जिन्दगी
जीत जाती है अपने आत्मविश्वास से
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चिल्लपों नहीं हो बीते कल की
चहक रहे आने वाले कल की
चवाव से सामना ना हो कभी
चहर में लीन रहें सदैव सभी
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बहुत अच्छी लगी .
आभारी हूँ भाई …. बहुत बहुत धन्यवाद आपका
sahi ……..v nice
बहुत बहुत धन्यवाद आपका