कहानी

फेसबुकिया भाई

भैया मेरे फेसबुक मे कुछ पोस्ट अपने आप डिलिट होती जा रही है आप देखिये ना क्या प्राब्लम है।राशि अपने भाई से कह रही थी।रोहन ने राशि से पासवर्ड मांगा और देखने लगा।
राशि के मेसेज बाक्स मे इतने अपरिचित लङको के मैसेज देख उसे अच्छा नही लगा ।उनमे से काफी तो महज टाईम पास करने वाले लङको के मैसेज थे।रोहन से न रहा गया उसने राशि को डाटा क्यूं इन लोगो से इतनी फालतू चेट करती हो?
राशि ने कहा , ये मेरे दोस्त है और कुछ एक को तो मैं भैया कहती हू और इसपर उन्हें भी कोई एतराज नही फिर क्या प्राब्लम है? पर रोहन जानता था ऐसे मूंहबोले भाईयो की हकीकत ..क्यूंकि वो भी तो फेसबुक पर ऐसी कितनी लङकियो का भाई बना बेठा था महज उनसे टाईम पास चेट करने के लिये।
पर आज जब बात उसकी बहन पर आई तो उसके मन मे गुस्सा भर गया।अब कैसे समझाये अपनी बहन को इन खुराफाती दिमाग वाले भाईयों की मानसिकता ..जबकि वह स्वंय इस रिश्ते को मजाक बनाकर मजे ले रहा था।
बस गुस्सा होकर सख्ती से हिदायत दे दी अपनी बहन को कि मुझे यह सब पसंद नही ..नही बनाओगी तुम ऐसे किसी को भी भाई और नही यूं चेट करोगी बस।
राशी असमंजस सी एकटक अपने भाई के इस अचम्भित व्यवहार को देखे जा रही थी !!

*एकता सारदा

नाम - एकता सारदा पता - सूरत (गुजरात) सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने [email protected]

2 thoughts on “फेसबुकिया भाई

  • विजय कुमार सिंघल

    फेसबुक में सभी तरह के लोग होते हैं, लेकिन जिनके अपने दो चेहरे होते हैं, वे किसी पर विश्वास नहीं करते.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    यह फेस बुक बुरी तो नहीं लेकिन इस के साइड इफैक्ट भी तो होंगे ही .

Comments are closed.