कविता

एक कविता के बाद भी…

 

एक कविता के बाद भी
बची रह जाती है
मेरे पास लिखने के लिए
या फिर
पढ़ने के लिए –
अनेक कविताएं …….

क्या कवितायें भी मुझे
ढ़ूढतीं है – जैसे
गुलाब ढूंढ लेता है एक पौधा
या
एक पौधा ढूंढ लेता है अनेक गुलाब
घोसलों को चाहिए चिड़ियाँ
और चिडियों को चाहिए घोसला

तो क्या
पाठशाला को मिल जायेंगे वो सारे बच्चे
जिन्हें जानना है सच को
और सच को मिल जायेंगे वो पाठशाला जहां
पढना है बच्चो को –
तभी तो कवितओं को मिलेंगे लोग
और लोगो से मिलेंगी
अच्छी सच्ची कवितायें

किशोर कुमार खोरेन्द्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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