माँ
माँ
माँ भावना है अहसास है,
माँ जीवन है अनमोल है,
माँ बच्चे की लोरी है,
माँ अहसास है उन सुखद
पलो का,
माँ धरा है जिसकी कोई
सीमा नहीं,
आसमान है जिसे कोई
सीमा नहीं,
माँ झरना है
मीठे पानी का
माँ होती है त्याग की मूर्ति
माँ का कोई मोल नहीं
माँ के बिना दुनिया अधूरी है ,
माँ जैसा कोई हो नहीं सकता
माँ के कदमो में स्वर्ग है,
ऐसी माँ को में कोटि कोटि वंदन
करते है
— गरिमा पाण्डेय
बूडा हो गिया हूँ , माँ इस संसार में अब है नहीं लेकिन वोह हमेशा याद आती है .
भावपूर्ण रचना …
माँ पर एक अच्छी कविता। शायद माँ में इतने अधिक गुणों वा उपकारों के कारण ही माँ का स्थान ईश्वर के बाद दूसरे नम्बर पर है। कविता के लिए बधाई।
अच्छी कविता ! माँ जैसा कोई नहीं हो सकता !