मुक्तक
कोई ख़ुशी की पनाह में दुखी कोई गम की पनाह में सुखी
जिंदगी का अजीब सिलसिला न तू खुशनसीब न मै बदनसीब
वीरानों में गुज़र जाने दो ज़िन्दगी,ख्यालों में न आया करो
नाकाम मोहब्बत का दर्द, लिखा जो है अपने नसीब ।
gunjan
कोई ख़ुशी की पनाह में दुखी कोई गम की पनाह में सुखी
जिंदगी का अजीब सिलसिला न तू खुशनसीब न मै बदनसीब
वीरानों में गुज़र जाने दो ज़िन्दगी,ख्यालों में न आया करो
नाकाम मोहब्बत का दर्द, लिखा जो है अपने नसीब ।
gunjan
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मुक्तक कुछ और बेहतर हो सकता था. कम से कम तुकांत तो होना चाहिए. वैसे उसके भाव अच्छे हैं.