निकट आ गया इस्लाम का विनाश !
मैं लम्बे समय से चेतावनी देता रहा हूँ कि इस्लाम का विनाश निकट भविष्य में अवश्यम्भावी है. कोई अदृश्य शक्ति सारी दुनिया को बलपूर्वक एक ऐसे संघर्ष की ओर धकेल रही है जिसमें एक ओर इस्लाम के मानने वाले होंगे और शेष सभी दूसरी ओर होंगे. हम सभी जाने अनजाने इस भयंकर संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें इस्लाम का पूर्ण विनाश हो जायेगा.
इस्लामी जेहादी आतंकवादी अपनी हरकतों से उस विनाश को निकट बुलाते जा रहे हैं. पूरी एशिया, अफ्रीका और अमेरिका को अपना दुश्मन बना लेने के बाद अब वे यूरोप को अपना खुला दुश्मन बना रहे हैं. इस यूरोप ने लोकतंत्र के नाम पर इस्लामी उग्रवादियों और आतंकवादियों को जैसी स्वतंत्रता और संरक्षण दिया है, वही अब उनके लिए मुसीबत बन रहा है. यह आशा करना तो मूर्खता होगी कि यूरोप के देश इस्लामी आतंकवाद को अपनी धरती पर आतंक फैलाते देखते रहेंगे. वे निश्चित ही इस्लामवादियों से इसका भयंकर बदला लेंगे.
पेरिस में जो हत्याकांड हुआ, उस पर इस्लामी देशों की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है. भारत में तो कुछ तथाकथित सेकुलर उस हत्याकांड को किसी कार्टून की प्रतिक्रिया बताकर उसे उचित साबित करने की मूर्खतापूर्ण कोशिश कर रहे हैं. ये सब विनाश के लक्षण हैं. पेशावर और पेरिस जैसे हत्याकांडों से वह विनाश और अधिक निकट आ गया है.
इस्लाम के मानने वालो, अभी भी समय है, संभल जाओ. अगर इस्लाम के नाम पर आतंकवादियों का समर्थन करने की हरकतें जारी रहीं तो वे अपने साथ पूरे इस्लामी जगत को ले डूबेंगे. अगर इस्लाम को बचाना है तो इस्लामी आतंकवाद को समूल नष्ट करने में लग जाना चाहिए.
अब तो हद ही हो गई , किया यह धर्म है ?
सही कहा भाई साहब ! यह धर्म नहीं है!