आम आदमी पार्टी के पीछे कौन है?
अधिकांश देशवासियों को वर्तमान कांग्रेस और आप पार्टी की छुपी हुई विदेशी संचालक संस्थान “Rothschilde Foundation” के बारे में बहुत कम जानकारी है। यह संस्था ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपनी उँगलियों पर नचाने में कई शताब्दियों से पर्दे के पीछे से लगातार सफलता प्राप्त करती चली आई है।
ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार के मुखौटे के साथ भेजने से लेकर, सुभाष बोस को गायब करवाने के बाद पूरे विश्व से उन्हें मिले अकूत धन को हड़पने के बाद उसके लालच में नेहरू से लेकर सोनिया और राजीव गांधी की मुलाकात करवाने के पीछे इसी संस्था का हाथ रहा है।
अब जब UPA सरकार की नाव डूबना तय हो गया था, तब केजरीवाल को कांग्रेस का अगला मुखौटा बना कर पेश करने की चाल भी इसी संस्थान की थी। पहले और अब दोबारा भी जिस बेशर्मी से कांग्रेस ने आप को बिना शर्त और बिना मांगे ही समर्थन देने का सार्वजनिक ऐलान किया था और है, मात्र उससे ही यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी की अभूतपूर्व लोकप्रियता से यह संस्थान भी बौखला गया है, और इसी कारण इसने अपने आप को नंगा कर दिया है।
अन्ना हजारे की आड़ में वास्तव में यह संस्थान अपने तीनों मैगासैसे पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों को ही जनता की नजर में लोकप्रिय बनाना चाहते थे, और वे इसमें सफल भी हो गये। अन्ना हजारे के स्पष्ट मना करने के बाद भी जब केजरीवाल ने राजनीति में आने की जिद नहीं छोड़ी तब उन्होंने अपने आप को ही केजरीवाल से अलग कर लिया। भारत में जितने भी NGO चल रहे हैं, उनमें से अधिकांश को या तो यह संस्थान आर्थिक मदद दे रहा है या वे ऐसी मदद की उम्मीद में लगे हैं।
इस संस्थान ने नेहरू के माध्यम से हमें दिखावटी आजादी भले ही दिलवा दी थी पर असल में UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी के माध्यम से हम पर यही संस्था आज तक राज्य करती रही है और वह आज भी हर जायज़ -नाजायज तरीके से भारत में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिये कुछ भी करने से बाज नहीं आयेगा।
दिल्ली के आने वाले चुनावों में भी आप और कांग्रेस के गठजोड़ से सरकार बनाने की योजना इस संस्था की ही है। इस गम्भीर साजिश के बारे में जल्दी से जल्दी पूरे देश को आगाह करने के लिये सभी समाचार पत्र से विशेष आग्रह है।
ले. कर्नल अनूप सक्सेना (रिटायर्ड)
इस बात को प्रमाणों सहित प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि इस धूर्त आदमी की पोल खुल जाये.
दिलचस्प लेख .