कविता

अलविदा

सोचता हूँ

जिन लम्हों को ;
हमने एक दूसरे के नाम किया है
शायद वही जिंदगी थी !

भले ही वो ख्यालों में हो ,
या फिर अनजान ख्वाबो में ..
या यूँ ही कभी बातें करते हुए ..
या फिर अपने अपने अक्स को ;
एक दूजे में देखते हुए हो ….

पर कुछ पल जो तुने मेरे नाम किये थे…
उनके लिए मैं तेरा शुक्रगुजार हूँ !!

उन्ही लम्हों को ;
मैं अपने वीरान सीने में रख ;
मैं ;
तुझसे ,
अलविदा कहता हूँ ……!!!

अलविदा !!!!!!

2 thoughts on “अलविदा

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    अच्छी कविता .

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह ! अच्छी प्रेम कविता !!

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