कहानी

तान्या

आज : दोपहर १ बजे मैंने सारे बर्तन सिंक में डाले और उन्हें धोना शुरू किया. आज मन कुछ अच्छा नहीं था. सुबह से ही अनमना सा था. कोई भी काम सही तरह से नहीं हो पा रहा था. कभी कुछ छूट जाता था, कभी कुछ नहीं हो रहा था. एक अजीब सी खीझ भी […]

कहानी

कहानी : डायल कुमार फॉर किलिंग

: १४जुलाई : उस दिन दोपहर से ही बारिश हो रही थी. उन दिनों मेरा मूड वैसे ही खराब रहता था. कोई नया काम नहीं मिल रहा था. रुपये पैसो के मामले में मैं परेशान था. मेरा जीवन भी क्या बेकार सा जीवन था. मैं लेखक था, और पूरी तरह से फ्लॉप था. करियर के […]

कहानी

मेन इन यूनिफ़ॉर्म

—————————————– भागएक ————————————— धाँय ….धाँय ….धाँय ….. तीन गोलियां मुझे लगी, ठीक पेट के ऊपर और मैं एक झटके से गिरा….गोली के झटके ने और जमीन की ऊंची -नीची जगह के घेरो ने मुझे तेजी से वहां पहुचाया, जिसे NO MAN’S LAND कहते है … मैं दर्द के मारे कराह उठा.. पेट पर हाथ रखा तो देखा भल  भल  करके खून आ रहा था .. अपना ही […]

सामाजिक

शिष्टाचार

ईश्वर के द्वारा रचे गए इस संसार में सबसे अद्भुत प्राणी सिर्फ मनुष्य ही है.मनुष्य को ही ईश्वर ने ज्ञान और बुध्दि से नवाज़ा है ,ताकि वो अन्य सभी प्राणियों में श्रेष्ठ रहे . मनुष्य जैसे जैसे बढता गया वैसे वैसे उसके जीवन में आमूल परिवर्तन आये है .और इन्ही परिवर्तनों ने उसके जीवन को […]

लघुकथा

लघुकथा : प्रेम की जीत !!

बिहार के दरभंगा जिले के दो परिवार है . एक है भूमिहार और दूसरा क्षत्रिय. दोनों के परिवार एक दुसरे से अपरिचित है . दो अलग अलग जगहों में रहते है . दोनों के बच्चे शहर में जाकर एक ही कॉलेज में एडमिशन लेते है . भूमिहार परिवार का पुत्र का नाम राजेश है और […]

लघुकथा

लघुकथा : दंगा

कल से इस छोटे से शहर में दंगे हो रहे थे. कर्फ्यू लगा हुआ था. घर, दूकान सब कुछ बंद थे. लोग अपने अपने घरो में दुबके हुए थे. किसी की हिम्मत नहीं थी कि बाहर निकले. पुलिस सडकों पर थी. ये शहर छोटा सा था, पर हर ६ – ८ महीने में शहर में […]

लघुकथा

लघुकथा : बेटी

आज शर्मा जी के घर में बड़ी रौनक थी, उनकी एकलौती बेटी ममता की शादी जो थी. बहुत से मेहमानों से घर भरा हुआ था, दरवाजे पर शहनाई बज रही थी, खुशियों का दौर था. शर्मा जी बड़े व्यस्त थे. फेरे हो रहे थे. बेटी की विदाई के बारे में सोच सोच कर ही शर्मा दम्पति […]

लघुकथा

लघुकथा : माँ

मैंने रेड सिग्नल पर अपनी स्कूटर रोकी . ये सिग्नल सरकारी हॉस्पिटल के पास था . उस जगह हमेशा बहुत भीड़ रहती थी. मरीज , बीमार, उनके रिश्तेदार और भी हर किस्म के लोगों की भीड़ हमेशा वहां रहती थी. अब चूँकि सरकारी हॉस्पिटल था तो गरीब लोग ही वहां ज्यादा दिखाई देते थे. अमीर […]

कहानी

कहानी : जनम

गोपाला ने अपना एक झोला और बैग लिया और ट्रेन में बैठ गया, ये ट्रेन दुर्ग से जगदलपुर जा रही थी। गर्मी के दिन थे, उसे खिड़की के पास वाली सीट मिली । ट्रेन चलने लगी तो भागते हुए तीन युवक आये और ठीक उसके सामने वाली सीट पर बैठ गए । ट्रेन चल पड़ी तो थके […]

कविता

इंतजार 

मेरी ज़िन्दगी के दश्त, बड़े वीराने है दर्द की तन्हाईयाँ, उगती है मेरी शाखों पर नर्म लबों की जगह…….!! तेरे ख्यालों के साये उल्टे लटके, मुझे क़त्ल करतें है ; हर सुबह और हर शाम…….!! किसी दरवेश का श्राप हूँ मैं !! अक्सर शफ़क शाम के सन्नाटों में यादों के दिये ; जला लेती हूँ […]