कल्याण करें
आओ मिलकर सम्मान करें।
मात्रृभुमि कल्याण करें।
वृक्षों को ना काटे हम।
फूलों को ना तोड़े हम।
दूषित, पानी को ना करें हम।
बर्बाद, पानी को ना करें हम।
आओ मिलकर सम्मान करें।
जल है अमूल्य खजाना।
हम सभी को इसे है बचाना।
यह जानकारी दे हम सबको।
आओ मिलकर सम्मान करें।
एक वृक्ष बराबर एक सन्तान है हम।
ये नारा जग जग में फैलाए हम।
आने वाले लोगों के लिए,
ये चिजें बचाये हम।
आओ मिलकर सम्मान करें।
सोचों कल ये खत्म हो जाएगा।
इन्सान इन्सान का भक्षक हो जायेगा।
इस खतरा को उदय ना होने दे,
इसलिए कहता हूँ मैं ,
मात्रभुमि कल्याण करें
आओ मिलकर सम्मान करें।
~~~~रमेश कुमार सिंह
जागरूपता का सन्देश देती है, अच्छी लगी.
आभार!
अच्छा सन्देश देती कविता.
धन्यवाद!