हाइकु – बूंद
जुडे अनेक
फुहारों का मिलन
बूंद निर्माण
दिल का दर्द
छलकते नयन
खारी सी बूंद
बूंद से मोती
गुरू का वरदान
सागर ज्ञान
धरा सींचती
नव कोपल जन्म
बूंद असर
बूंद बूंद से
ताल नदी सागर
जुड़े बेजोड़
बूंद सहारे
बन जाता प्रकाश
इंद्रधनुष
छलके बूंद
उम्मीद से अधिक
खुशी का पल
मनीष मिश्रा मणि
अच्छे हायकु ! बहुत ख़ूब !!
वाह , बहुत सुन्दर …..