कविता –”तुम्हारी याद ”
तुम्हारी याद
हर लम्हा ,हर वक्त
मेरे अन्तर्मन के गलियारों में आकर
जगाती है मुझे………
मैं खोलती हूँ जब भी
संवेदनाओं ओर भावनाओं की
कुछ अनकही बातें …….
यादों के बेहद करीबी ख्यालों के सहारे
तुम चुपके से उतर जाते हो मेरे
दिल की गहराइयों में ….
ओर कोशिश करते हो मुझे व
मेरे मन मे उठते अनगिनत सवालों को
समझने का ……….
तब यूं लगता है जैसे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सदियों से सूखी बंजर जमीन पर
लहलहा उठी है हरियाली
बरस पड़ी है झमाझम अश्रुधारा
प्रेम का,
भावनाओं का
यादों का ओर
अनगिनत आकांक्षाओं का …….!!!
संगीता सिंह ‘भावना’
behatrin
वाह वाह, किया लिखा है जी .
अच्छी कविता।