हममे ऐसी….
हममे ऐसी सोहबत हो जाए
की दोनों में क़ुरबत हो जाए
एक दूसरे में तलाशे खुद को
दोनों की ऐसी हसरत हो जाए
जर्रे जर्रे में बस तू ही नजर आये
निगाहों की ऐसी फितरत हो जाए
मन ही मन जो कहूँ तू सुन ले
खुदा से ऐसी इनायत हो जाए
मुझे भी तुम याद करते रहो
तेरी मुझ पर रहमत हो जाये
किशोर कुमार खोरेन्द्र
{सोहबत =संगत ,क़ुरबत =निकटता ,फितरत= आदत,
इनायत =कृपा ,रहमत =कृपा }
वाह वाह !
thank u vijay ji
बहुत अच्छी है जी .
gurmel ji dhnyvaad