राष्ट्र वंदना
भारत माता की वंदना करने के लिए यह गीत मैंने कई वर्ष पहले लिखा था. इसे पहली बार प्रकाशित कर रहा हूँ. यह गीत हमारे ‘जन गण मन’ का स्थान भी लेकर राष्ट्र गान बन सकता है.
स्पष्ट कर दूँ कि इसमें ‘नमो नमो’ शब्दों का मोदी जी से कोई सम्बन्ध नहीं है और यह केवल मातृभूमि की वंदना में लिखे गए शब्द हैं, क्योंकि यह गीत जब लिखा गया था तब मोदी जी का कोई नाम भी नहीं जानता था.
हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो
जननि वत्सला सुजला सुफला रत्न प्रसूता नमो नमो
गुर्जर अवध पंचनद उत्कल बंग मेघ अरुणाचल
तमिल आंध्र ब्रज असम मराठा सब आसेतु हिमाचल
गंग सिंधु कावेरी
यमुना झेलम तेरी
केरल नाग विदर्भ विंध्य शोभित मणिमाला नमो नमो
हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो
आर्य अनार्य सब जाति-पंथ-मत गिरिवासी-वनवासी
तेरे सम्मुख श्रद्धा से नत हम सब भारतवासी
जन जन तेरा रक्षक
बना हुआ रिपुभक्षक
कण कण इस धरती का गाये तव जयगाथा नमो नमो
हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो
विजय कुमार सिंघल
बहुत ही सुन्दर .. देशप्रेम से ओत-प्रोत ..
shreshth rachna
बहुत सुन्दर रचना जिस में देश पियार झलकता है.
बहुत बहुत धन्यवाद, भाई साहब ! आजकल आत्म कथा पर आपकी टिप्पणियां नज़र नहीं आ रही हैं.
सुन्दर, श्रेष्ठ वा प्रशंसनीय रचना। धन्यवाद।
हार्दिक आभार, मान्यवर !