” जीवन “
दु:ख,
मिलता है,अगर हम,
खुशियां इकट्ठा,
करने में लगे हैं।
सुख,
मिलता है अगर हम,
खुशियाँ ,
बाटने में लगे हैं।
यह दु:ख-सुख,
है क्या?
दोनों भाई हैं,
ऐसे भाई हैं।
कभी साथ नहीं रहते।
आते हैं,
अपनी अपनी बारी की,
प्रतीक्षा कर,
करते हैं सफर,
जीवन को साधन,
बनाकर,
अपनी-अपनी
मंजिल की तलाश में,
हमेशा,
लगे रहते हैं जीवन में।
बहुत सुन्दर !
सधन्यवाद श्रीमान जी