जन्म जन्म का साथ
मन की इच्छा हो तुम मेरे जीवन की अभिलाषा हो ,
धुंधले से मेरे शब्दों की, तुम स्पष्ट रूप परिभाषा हो,
बागों में कलियों ने जो , मदहोश महक बिखराई है,
लाजवाब सी वह सुगंध , अपने घर आँगन में छाई है,
अधरों पर मुस्कान सदा हो, यही हमारे मन की कामना ,
जन्म जन्म का साथ रहे. दिल में संजों कर सप्रेम भावना,
यह मेरी कविता भी तुम हो , तुम ही हो मेरी प्रेम साधना
जग में तुम ही मेरी शक्ति, तुम ही हो मेरे मन की आशा
यहाँ वहां सर्वत्र तुम्ही हो, देती मुझ को सम्पूर्ण दिलासा,
प्रगति का आधार तुम्ही हो, मेरे जीवन का आभार तुम्ही हो,
काली अंधियारी रातों में जीवन का प्रकाश तुम्ही हो,
शत शत युग तक प्यार रहेगा, जन्म जन्म का साथ तुम्ही हो.
—जय प्रकाश भाटिया
Many Many……Many THANKS–Vijay JEE , I wrote this for my wife on her birthday earlier, and it also gives our names vertically downwards through the first letter of each line.
वाह वाह ! बहुत खूब !!