ग़ज़ल : तेरे नाम
सुबह लिख दूँ,कि शाम लिख दूँ,
तेरे नाम ये उम्र,तमाम लिख दूँ !
बहती हवा का,थाम लूँ दामन,
चुपके से उनको,सलाम लिख दूँ !
चाँद से माँगकर में चाँदनी,
मोहब्बत का, हँसी,पैगाम लिख दूँ !
छिपालूँ , पलकों में,अपनी तुझको ,
हर धडकन में ,तेरे नाम, लिख दूँ !
गुनगुना उठेगी ,”आशा” जिंदगी ,
हाथों कि मेंहदी में, तेरे नाम लिख दूँ !
सुबह लिख दूँ,कि शाम लिख दूँ,
तेरे नाम ये उम्र,तमाम लिख दूँ !
…राधा श्रोत्रिय”आशा”
वाह वाह !
ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी , हरमोनीअम और तबले से गाने से इसे चार चाँद लग जाएंगे .