गीतिका/ग़ज़ल

पसंद मुझे तेरी तस्वीर..

 

पसंद मुझे तेरी तस्वीर ,तुझे मेरी तहरीर आ गए
आते आते इतने करीब हमारी रूहों के शरीर आ गए

रस्ता न मंजिल ,साहिल न कारवां ने साथ दिया
हमें मिलाने हमारे सौभाग्य के लकीर आ गए

आकाश और जमीं जहाँ पर मिलते हैं वहाँ से कहने
अपनी दुनियाँ बसा लो क्षितिज से समीर आ गए

झील में चाँद और चांदनी सा हमें इतराते देख कर
हया का चिलमन बनने लुके छुपे तिमिर आ गए

जहाँ की तीखी नज़रों से भला कौन बच पाया है
ख्वाबों ख्याल को जीने के हमें तरकीब आ गए

किशोर कुमार खोरेन्द्र

(तहरीर =लेखन ,साहिल =किनारा ,समीर =पवन , चिलमन=पर्दा
तिमिर =अँधेरा ,तरकीब =तरीका )

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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