मदनोत्सव
1
षट रागिनी
कुहू लगे मन पे
कुसुमागम ।
2.
किंशुक- छाया
वशीभूत अचला
तृप्त मानव ।
3
देख के बौर
बौराये मत्त भौंरा
गुनगुनाए ।
4
पीली चुनरी
धरा बनी दुल्हन
हल्दी रस्म में।
5
उड़ा गुलाल
धनक बनी धरा
गगन लाल।
6
पिघल जाता
अवसाद के तुषार
टेसू ताप से।
7
भूमि सज ली
सृष्टि ब्यूटीशियन
टेसू लाली से ।
8
हँसा वसंत
कली अलि चुहल
आहत धुंध ।
v nice
thank you sir ….. thank you so much
अच्छे हाइकु
बहुत बहुत धन्यवाद और आभार आपका